आठ दिन के भीतर चांदी का रेट 1850 रुपये प्रति किलो और सोने का 900 रुपये प्रति तोला चढ़ गया है। इससे सराफा परेशान हैं। शादी के मौसम में रेट बढ़ने से डिमांड में कमी आ सकती है। बुधवार को सोना 300 रुपये चढ़कर 42 हजारी हो गया। चांदी एक हजार रुपये बढ़कर 48900 प्रति किलो पर पहुंच गई।
सराफा के जानकार इसके पीछे कई कारण बता रहे हैं जिनमें सहालगी मांग, कोरोना वायरस के कारण आयात कम हो पाना, कमजोर होता रुपया और कच्चे तेल के बढ़ते दाम होना शामिल है। आने वाले दिनों में भी भाव बढ़ सकते हैं।
कारोबारियों का कहना है कि इस समय सहालगी सीजन चल रहा है। जरूरतमंद ही खरीदारी करना पसंद कर रहे हैं। निवेशक पहले से ही नदारद हैं। हालांकि इस खरीदारी में लोगों का बजट निर्धारित है। भले इसमें कीमती धातु का वजन कम चढ़े। उन्हें खर्च उतने ही करने हैं। भाव और बढ़ते हैं, तो बाजार के सेंटीमेंट्स खराब हो सकते हैं।
सहालग के चलते जरूरतमंद ग्राहक ही आ रहे हैं। निवेशक गायब हैं। लगातार बढ़ती हुई कीमत से ग्राहक ही नहीं कारोबारियों को भी नुकसान हो रहा है।
आनंद अग्रवाल, चांदी कारोबारी
जब भी कीमतों में उछाल आता है, ग्राहक का बजट नहीं बढ़ता है। वह उतनी ही खरीदारी करता है जितना वह सोचकर आया है। इससे प्रभाव बिक्री पर पड़ता है। राजेश हेमदेव, पूर्व अध्यक्ष ज्वेलर्स एसोसिएशन आगरा