पुलवामा में हुए आतंकी हमले को आज 14 फरवरी को एक साल हो गए हैं. हमले की पहली बरसी के मौके पर देश आज उन 40 जवानों को याद कर रहा है, जिन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी. इस हमले में चालीस जवान शहीद हुए थे, जिनकी शहादत का बदला भारतीय सेना ने 12 दिन में ले लिया था. बरसी के मौके पर आजतक की टीम शहीदों के घर पहुंची और पता किया कि आज उनका परिवार किस हाल में है. सरकार और कई संगठनों ने शहीद के परिवारों से जो वादे किए थे, उनमें से कितने पूरे हुए, और कितने सिर्फ वादे साबित हुए...
कई शहीदों के परिजनों को अब तक सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है. प्रशासन का रवैया भी इतना लचर है कि शहीदों के परिजन दफ्तरों के चक्कर लगा-लगाकर थक चुके हैं. ऐसी ही कहानी है सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के जवान कौशल कुमार रावत की.आतंकी हमले में सीआरपीएफ (CRPF) के जवान हेमराज भी शहीद हो गए थे. अब जवान हेमराज के स्मारक का लोकार्पण 16 फरवरी को किया जाएगा.